रावण अर्थात
शौर्य, विश्वास और पराक्रम
रावण अर्थात
गर्व,ज्ञान और धर्म
युद्ध किया, हुआ संग्राम प्रबल
पर रावण फिर भी डरा नहीं
एक धोबी की बातों में आकर
सीता को वन में भेजा दिया
राम की प्रीत के सम्मुख
रावण का स्नेह जीत गया
सीता को हरा पर छुआ नहीं
रावण कभी भी गिरा नहीं
बाल्मीकि की रामायण में
मर्यादा पुर्षोत्तम राम हुये
रावण के चरित्र पर किन्तु
बस अमर्यादित प्रश्न हुये
रावण के पुतले जले बहुत
पर रावण अब भी मरा नहीं !
अर्चना
24-06-2016
baat main dam hain archana
ReplyDeleteThanks Uncle :)
DeleteWe know what we know is from Ramayana. The character of Ravana is great in that he never so much as touched her, as you say. But I think he "harred" her during Ram's banwas?
ReplyDeleteYes Sir, You are right.
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