Chetna
Saturday, July 9, 2016
मैं और ज़िन्दगी
मैं वहीँ रुकी हूँ
स्थिर
शांत
शून्य
साथ ही
थोड़ी व्यथित
थोड़ी विस्मित
पर अविचलित
और
तथाकथित जिंदगी
आगे बढ़ गयी है
अविरल
अशांत
स्थूल
साथ ही
व्यवस्थित
परिवर्तित
और
यथासम्भव अचंभित।
~ अर्चना
09-07-2016
2 comments:
1CupChai
Tuesday, July 19, 2016
अद्भुत :)
Reply
Delete
Replies
Archana
Sunday, July 31, 2016
Thanks Paras :)
Delete
Replies
Reply
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
अद्भुत :)
ReplyDeleteThanks Paras :)
Delete