पहला शब्द माँ हिन्दी में ही सीखा था। तो हिन्दी से प्यार स्वाभाविक है किन्तु तीव्र अभिलाषा है कि अन्य भारतीय भाषाओं को भी समान सम्मान दिया जाये। साथ ही उत्तर भारत में रहने वाले लोगों से सविनय निवेदन है कि अपनी मातृभाषा को हीन दृष्टि से ना देखें बल्कि गर्व का अनुभव करें कि हमारी भाषा हिन्दी अभिव्यक्ति की खान है। मैंने अक्सर देखा है कि दो हिन्दी जानने वाले व्यक्ति अंग्रेजी पर अपनी प्रभुत्ता दिखाने के लिए तथा अाधुनिक बनने की होड़ में, व्यक्तिगत वार्तालाप भी अंग्रेज़ी में करते हैं या करने की कोशिश करते हैं। जबकि अन्य प्रदेशों के लोग व्यक्तिगत वार्तालाप अपनी क्षेत्रीय मातृभाषा में करना पसंद करते हैं। अपनी मातृभाष को अपनाने में शर्म कैसी ? अौर आधुनिकता कोई अंग्रेज़ी की बपौती नहीं है, आधुनिकता तो विचारों की अभिव्यक्ति, स्वतंत्रता तथा खुलेपन को दर्शाती है। आइये हिन्दी दिवस पर हिन्दी के प्रति सम्मान और रुझान को दर्शायें तथा एक समृद्ध मातृभाषा से सम्बंधित होने पर गर्व का अनुभव करें! ~ हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
~ अर्चना
14-09-2014
~ अर्चना
14-09-2014
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