यादों से बाबस्ता हूँ
तो ज़िंदा हूँ
बीते पलों का रस्ता हूँ
तो ज़िंदा हूँ
बून्द-बून्द कर दरिया को
भरा है मैंने आँखों में
लम्हा-लम्हा पलकों से
रिस्ता है तो ज़िंदा हूँ ........ !!!
अर्चना
06-11-2014
तो ज़िंदा हूँ
बीते पलों का रस्ता हूँ
तो ज़िंदा हूँ
बून्द-बून्द कर दरिया को
भरा है मैंने आँखों में
लम्हा-लम्हा पलकों से
रिस्ता है तो ज़िंदा हूँ ........ !!!
अर्चना
06-11-2014
No comments:
Post a Comment