Wednesday, June 18, 2014

माँ !

माँ ! तू मुझे रोक लेती है, 
गिरने से, थकने से, खोने से, 
आज भी रोक लिया... ... 
जब भी लगा कि नहीं है तू, 
मुझे गोदी में थामे खड़ी थी तू... ! 


अर्चना ~ 18-06-2014 

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