जब रात आँखों में टिमटिमाती है
और मैं बहने लगती हूँ नदी सी
आँखों के संकरे कोनो से
मुझमें डुबकियाँ लगाते चाँद-तारे
थोड़ा और निखर जाते हैं!
~ अर्चना
12-09-2015
और मैं बहने लगती हूँ नदी सी
आँखों के संकरे कोनो से
मुझमें डुबकियाँ लगाते चाँद-तारे
थोड़ा और निखर जाते हैं!
~ अर्चना
12-09-2015
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