Saturday, September 26, 2015

मैं..!

विस्मित हूँ मैं
हर पल की रची
एक नयी रचना
को देख
कितनी बदल गयी
हूँ मैं
हर अगले पल
हो जाती हूँ
कुछ और बेहतर
कुछ और विशेष 

~ अर्चना
26 - 09- 2015

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