Tuesday, September 29, 2015

तुम और मैं ..... !!

तुम गति
मैं धारा
तुम बहाव
मैं किनारा
तुम अनंत
मैं क्षितिज
तुम अथाह
मैं विदित
आकर्षण निश्चित है
और संघर्ष भी .......

~ अर्चना
28 - 09 - 2015





3 comments:

  1. Beautiful n simple expression

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  2. Ati sunder.
    I am a Scientist but in my first attempt to write a poem, I will change the last line to "aur anubhuti bhi ..."

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