तुम गति
मैं धारा
तुम बहाव
मैं किनारा
तुम अनंत
मैं क्षितिज
तुम अथाह
मैं विदित
आकर्षण निश्चित है
और संघर्ष भी .......
~ अर्चना
28 - 09 - 2015
मैं धारा
तुम बहाव
मैं किनारा
तुम अनंत
मैं क्षितिज
तुम अथाह
मैं विदित
आकर्षण निश्चित है
और संघर्ष भी .......
~ अर्चना
28 - 09 - 2015
Beautiful n simple expression
ReplyDeleteThanks Parminder ☺😊
ReplyDeleteAti sunder.
ReplyDeleteI am a Scientist but in my first attempt to write a poem, I will change the last line to "aur anubhuti bhi ..."