Chetna
Friday, August 12, 2016
आहुती
यज्ञ की आहुती हूँ
जलकर भस्म होना
नियति है
और
हवा में घुलकर
प्राणों में संचारित होना
अभिव्यक्ति
~ अर्चना
11-08-2016
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