Tuesday, May 19, 2015

मैं.... !!!


मेरी हर शिक़स्त है
तेरी नज़र-ए -रफ़त
मेरी हर बग़ावत
तेरा नूर है
तेरी क़ायनात का
मैं कोहीनूर
मेरी शख्शियत
तेरा गुरूर है..  !


जो मैं हूँ तो हूँ
मेरा सिरफिरा जुनूँ
तेरे कारवाँ से अलग-थलग
मैं खुद के नशे में चूर हूँ
जो तू है बुलंद
दूर आसमान तक
मैं ज़मीं पे उड़ने में
 मशहूर हूँ  .... !


अर्चना ~
19-05-2015





Monday, May 11, 2015

माँ याद तो तेरी आती है ... !

माँ याद तो तेरी आती है 

तुझे गये
साल हो गये, पर 
झिल -मिल तारों में अब भी 
तेरी हँसी खनक जाती है 

माँ याद तो तेरी आती है 

बड़ी हो गयी हूँ
कितनी अब, पर 
तेरी कहानियाँ चुपके से 
सपनों में अब भी आती हैं 

माँ याद तो तेरी आती है 

हँसती हूँ 
बातें करती हूँ, पर 
शाम को जब सूरज ढलता है 
आँखें रोज़ छलक जातीं हैं 

माँ  याद तो तेरी आती है 

तू गयी नहीं है 
यहीं कहीं है पर 
तेरी गोदी में छिपने को 
मेरी जान मचल जाती है 

माँ याद तो तेरी आती है 

अर्चना 
11-05-2015 


 


Saturday, April 11, 2015

11th April 2015 : 25th Death Anniversary of Mummy...

11th April 2015 : 25th Death Anniversary of Mummy... 
Sometimes even 25 years don't fade away a single memory, don't dilute a single emotion, especially when it's connection of your existence to the one who has created you.... Your Mother. 
Wrote this poem on 11th April 1997 for Mummy 
माँ
हरी दूब पर गिरी 
ओस की बूँदों के
स्पर्श का कोमल एहसास
या धरती की
तपन को मिटाती
वर्षा की रिमझिम फुहार
और भी आकर्षक व
और भी अर्थपूर्ण
हो जाते हैं....
माँ!
जब घुल जाता है इनमें
तेरा असीम प्यार
और
ममता का निश्छल विश्वास...!


 ~ अर्चना 11-04-1997

Sunday, March 29, 2015

पैसेंजर ट्रेन सी जिंदगी....

पैसेंजर ट्रेन सी जिंदगी
ना जाने और कितने
स्टेशनों से गुजरेगी 
रफ्तार थम गई है 
ट्रेन थक गई है 
धधकते कोयले 
धक्का देने को आमादा हैं
थकान का वजूद 
धुएं में उड़ रहा है 
ट्रेन का सिगनल 
दूसरे स्टेशन से 
जुड़ रहा है.....!

 ~ अर्चना 29-03-2015

Monday, February 9, 2015

प्यार..... !!

इज़हार करने का तरीका
बदल गया हो शायद...
अल्फाज़ भी
बदल गये हों शायद...
प्यार करने की तबीयत
प्यार करने की सीरत
प्यार करने की नीयत
प्यार करने की कहानी
प्यार करने की मनमानी
प्यार करने की रवानी
प्यार करने की रवायत
प्यार करने की नज़ाकत
प्यार करने की हिमाकत
अब भी पिछला
लिबास पहने हैं
प्यार करने वाले
बदल गये होंगे
प्यार के फलसफे
अब भी नहीं बदले हैं... 

~ अर्चना 
07-02-2015

Monday, December 1, 2014

A Lonely Soul



Reading the inevitable,
shines the History 
On the Land of Lakes, 
A Lonely Soul..... 
sketches her Faith.. ! 



~ Archana 
29-11-2014

Sunday, November 30, 2014

A Lonely Walk !


When throat gets chocked with flood of tears, you wonder your ability to breath. Your reservoir protects your abnormality from being more abnormal. It is not the struggle to breath or survive but a flawless effort to retain the self high. You have no idea the road leading you where and you have no intention to locate the destination. You have decided to walk and you walk, holding your own hands, clutching your own ribs. Every step you move ahead, you discover a stranger you never knew in you. Promises are fading away in the deep darkness of dark night. You wipe your eyes and you got a reason to smile for a while.




~ Archana 

30-11-2014